जिस युवती को वशीभूत करना हो, उसकी एक तस्वीर सामने रखें। जिसमे चेहरा और आँखे एकदम स्पष्ट हों। यह क्रिया अर्धरात्रि में किसी एकांत स्थान में करें। तस्वीर के सामने देवीचक्र बनाएं। इसे भैरवी चक्र भी कहते हैं।
इस चक्र की पूजा अर्चना करके धुप दीप दिखाएँ। १०८ मन्त्र से चावल, मधु – दीप दिखाएँ। १०८ मंत्र से कहवाल, मधु, घी, दूध, खीर एवं गुग्गल कपूर आदि का ध्यान लगाकर उसे प्रणाम करें।
अब प्रतिदिन अर्धरात्रि में देवी को धुप डीप दिखाकर ११८८ मन्त्र का जाप करते हुए तस्वीर की आँखों में झांकते हुए मन को पूर्णतया उसमें डुबाने का प्रयत्न करें। इस समय आपके मन में अन्य कोई विचार नहीं होना चाहिए। आप उस समय यही सोचें की आप उस युवती की वास्तविक आँखों में झांकते हुए उससे आँखों से ही प्रेमभाव व्यक्त कर रहे हैं। जब अन्य सभी बवो से विस्मृति होकर मन उसी में डूबता चला जाये, तभी सफलता मिलेगी।
ऐसा तभी होगा जब उस व्यक्ति को पाने की कामना बलवती होगी। अतः पूरा ध्यान उसकी आँखों में लगाकर मंत्र जाप करते उसमें डूबते चले जाएं।
२१ दिन तक यह क्रिया करें। वह युवती स्वयं आपसे सम्पर्क करके समीप होने का प्रयत्न करेगी।
यह क्रिया आप गुरु जी द्वारा भी करवा सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु गुरु जी से फोन पर सम्पर्क करें।
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